ग्राम-- आसोप ( जिला -- जोधपुर ) मे झंवर - बजाज - खाबाणी -बाल्दी( माहेश्वरी समाज की खाँप ) की कुल देवी श्री गायल माता का मंदिर है।
गायल माता मंदिर के गर्भगृह में तीन देवी प्रतिमाएं विराजमान है। मध्य(बीच) में गायल माताजी विराजमान है जो कि माहेश्वरी समाज में झंवर,बजाज,खाबाणी,बाल्दी परिवार की कुलदेवी है। श्री गायल माताजी के दाहिनी ओर की सबसे बड़ी प्रतिमा चामुंडा माता की है। श्री गायल माताजी के प्रतिमा के समीप विद्यमान सबसे छोटी प्रतिमा छाबला माताजी की है। मंदिर में गर्भगृह के बाहर की दाहिनी ओर के स्तंभ पर शिलालेख अंकित है, जिसमें इस मंदिर के विक्रम संवत 1681में निर्मित होने की जानकारी मिलती है।
गायल माता मंदिर के परिसर में प्रवेश करते ही सामने विशाल द्वार दिखाई पड़ता है, उसके पश्चात दाहिनी और मंदिर परिसर मे एक बहुत सुंदर यज्ञ शाला है, 15 दिसंबर 2013, गीता जयंती से निरंतर प्रतिदिवस यज्ञ होता है, इस यज्ञ मे भी आप भक्त गण बैठ कर माता जी के आशिर्वाद लेने का सौभाग्य प्राप्त कर सकते है. इसके आगे बाई और ठहरने के लिए वैष्णवी एवं आंबे व्यवस्था बनी हुई हैं, जिसके पास ही एक बहुत ही सुंदर उद्यान बना है। यहां से आगे चलने पर बड़ी भोजनशाला स्थित है। उससे करीब ही मंदिर का कार्यालय है, बाद मे है मंदिर का अंदरूनी परिसर जहां गायल माता का मंदिर स्थित है। गायल माता के मंदिर के सामने की ओर श्री हनुमानजी का मंदिर है. श्री अखिल भारतीय गायल माता मंदिर (झंवर समाज) ट्रस्ट,द्वारा ठहरने की उत्तम व्यवस्था -चाय, दूध, फलाहार, अल्पाहार, भोजन की सुंदर व्यवस्था एवं टिफिन की व्यवस्था नि:शुल्क उपलब्ध है जिसका लाभ सभी भक्त गणो को मिलता है।
माताजी जाने वाले सभी भक्त गण मंदिर ट्रस्ट द्वारा संचालित व्यवस्था की सुविधा प्राप्त करने हेतु ट्रस्ट बोर्ड के आफीस से जानकारी ले लेवे श्री गायल माता मंदिर की एक खास बात का आपको ध्यान रखना है कि मंदिर परिसर मे वैष्णवी व्यवस्था बनाये रखे यहाँ पर किसी पंडीत पूजारी सेवक कर्मचारी को किसी प्रकार की भेट नगदी या अन्य किसी प्रकार की सामग्री प्रदान नही करे. आपको जो भी सेवा करना है वह ट्रस्ट के माध्यम से ही करे एवं श्री गायल परिवार ( झंवर-बजाज - खाबाणी -बाल्दी) का सामूहिक नामकरण है हम सभी गायल परिवार के सदस्य है. आप ट्रस्ट कार्यालय मे जब भी किसी प्रकार की भेंट देवे उसकी रसीद ट्रस्ट के आफीस से अवश्य प्राप्त कर लेवे.